मेहनत करने से मिलती है मंजिल
दुनिया में हम आए हैं तो जीना ही पड़ेगा
जीवन है अगर जहर तो पीना ही पड़ेगा
हिन्दी जगत की मशहूर फिल्म मदर इण्डिया के गीत के मर्म को अगर गहराई से जानने की कोशिश करे तो हमें यह मालूम पड़ेगा कि जिन्दगी इम्तिहान का नाम है, संघर्ष का नाम है। ये इम्तिहान इंसान की जिंदगी में मां की गोद से शुरू होकर कब्र की गोद तक जारी रहते हैं। इंसान को हर दिन, हर पल किसी न किसी तरह के इम्तिहान या परीक्षा से गुजरना ही पड़ता है। कुछ लोग इन इम्तिहानों को हंसते-हंसते पार करते है और कुछ घुट-घुट कर इनका सामना करते हैं।
अक्सर देखने में आया हैं कि जिंदगी के इन इम्तिहानों में केवल दो ही तरह के लोग असफल होते हैं एक वे जो सोचते हैं पर करते कुछ नहीं और दूसरे वे जो करते तो बहुत है मगर सोचते कुछ नहीं। बिना सोचे विचारे किया काम कभी सफल नहीं हो सकता, क्योंकि बिन बारिस के मौसम के अगर खेत मे बीज डाले जाएंगे तो वे केवल कचरा ही बनेंगे। उन बीजों से अच्छी फसल की उम्मीद नहीं रखी जा सकती। इसलिए सही समय पर सोच-समझकर किया गया कार्य ही मंजिल की तरफ लेकर जाता है।
मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है
हर पहलू जिंदगी का इम्तिहान होता है
डरने वालों को मिलता नहीं कुछ जिंदगी में
लडऩे वालों के कदमों में जहान होता है
यदि कड़ी मेहनत को हथियार बनाए जाए तो तो सफलता अवश्य ही हमारी गुलाम बनती है। हर रोज आकर हमें परेशान करने वाली मुश्किलें, नित-नई पैदा होने वाली समस्याएं, घनघोर बादल की तरह जिंदगी में भूचाल लाने वाली विपदाएं ही वो इम्तिहान है। जिसने इंसान को और अधिक संवारने का कार्य किया है। इतिहास गवाह है माजी (भूतकाल) में इंसान ने हर कदम पर इन मुसीबतों, समस्याओं और विपदाओं का हंसते हुए सामना किया है और इनका हल भी निकाला है। उसी के परिणाम के रूप में उस समय जो समस्याएं थी आज हमारे लिए विज्ञान के आविष्कार बन चुकी है। जिनके बिना आज हमें हमारी जिंदगी अधूरी लगती है।
इंसान की जिंदगी एक पानी के बुलबुले के समान है। जो क्षण-भंगुर होता है यानि केवल कुछ समय के लिए पैदा होता है फिर न जाने कहां गुम हो जाता है। इसलिए इस बुलबुले के समान क्षणिक व नश्वर जिंदगी में दिलों पर राज करने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि जिन्होंने लोगों के दिलों पर अपनी मोहब्बत का झण्डा गाड़ा वे हमेशा के लिए अमर हो गए मगर जिन्होंने बर्बरियत व जुल्मों-सितम के साथ राज करना चाहा दुनिया में आज उनके नाम लेवा भी नहीं बचे हैं।
हिम्मत करने वालों के नसीब एक न एक दिन अवश्य बदलते हैं। जिंदगी में मुसीबतों के सामने कभी घबराना नहीं चाहिए बल्कि उसका डटकर मुकाबला करना चाहिए, संघर्ष कर सफलता तक पहुंचने वाले को दुनिया हमेशा सलाम करती है। इसी बात की गवाही देती यह छोटी सी कहानी हमारे सामने एक नजीर बनी हुई है।
बहुत समय पहले की बात है। एक जंगल में एक छोटा 8-10 साल का बच्चा छोटी सी कुल्हाड़ी से कुछ लकडिय़ा काट रहा था। उधर से एक पादरी (इसाई धर्मगुरू) का गुजरना हुआ। उन्होंने उस बच्चे से कहा - बेटा तेरा हाथ दिखा। उन्होंने उसकी हथेली में कुछ देखा फिर आगे की तरफ रवाना हो गए। बच्चा उनके पीछे भाग कर गया और बोला फादर रूकिए। आपने मेरे हाथ में क्या देखा? आप कुछ बोले क्यों नहीं? उन्होंने कहा जो मैं देखना चाहता था वह तुम्हारे हाथ में हैं ही नहीं। बच्चा बोला क्या ? पादरी ने जवाब दिया मैं तुम्हारी भाग्य रेखा पढऩा चाहता था, मगर तुम्हारे हाथ में तो भाग्य रेखा ही नहीं। बच्चे ने पूछा कहां होती है भाग्य रेखा? बाबाजी ने बताया हथेली में इस तरफ एक लाइन होती है। बच्चा, भागता-भागता गया और उस नन्ही कुल्हाड़ी से अपने हाथ पर एक रेखा खींच कर आया। और बोला फादर अब बताइए मेरा भाग्य, देखिए मैंने हाथ में रेखा खींच दी। फादर ने उसके हाथ की तरफ देखा तो खून निकल रहा था, साथ ही उन्होंने उस दृढ़ संकल्प बालक के चेहरे की तरफ भी देखा, जो उस दर्द को सहन करके भी चुपचाप खड़ा था, उन्होंने तभी सोच लिया था कि यह बच्चा बड़ा होकर इतिहास लिखेगा। वही बालक बड़ा होकर एक दिन अमेरिका का राष्ट्रपति बना, नाम था अब्राहम लिंकन।
इंसान को जिंदगी में हर लम्हा संघर्ष करते रहना चाहिए। क्योंकि सोना जितना आग में तपता है, उसकी चमक उतनी ही तेज होती है। इसीलिए इंसान को लगातार प्रयास करते ही रहना चाहिए। कहा भी गया है -
तेरे गिरने में तेरी हार नहीं है,
तू इंसान है कोइ अवतार नहीं है
गिर, उठ, चल, दौड़, फिर भाग,
जिंदगी संक्षिप्त है इसका कोई सार नहीं है
मेरी अन्य रचनाये पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे. . . . . .
- काबिलियत पर भरोसा रखे मंजिल अवश्य मिलेगी
- कोरोना लॉकडाउन में कलक्टर ने दिखाया इंसानियत का जजबा
- ये भी है कर्मठ - कर्मवीर, कॉरोना वॉरियर्स
- कोरोना वायरस के क्या लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव ?
- कोरोना (कविता)
- मारवाड़ के समीर की कहानी मुंबई के मारवाड़ी की जुबानी
- घायल (एकांकी)
- कसूर किसका (कहानी)
- डिलेवरी केस (एकांकी)
- निराली प्रतिभा : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
- वक्त की बात करे
- जनमानस की भावनाओं की संगीतमय अभिव्यक्ति : लोकगीत
- काबिलियत पर भरोसा रखे मंजिल अवश्य मिलेगी
- कोरोना लॉकडाउन में कलक्टर ने दिखाया इंसानियत का जजबा
- ये भी है कर्मठ - कर्मवीर, कॉरोना वॉरियर्स
- कोरोना वायरस के क्या लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव ?
- कोरोना (कविता)
- मारवाड़ के समीर की कहानी मुंबई के मारवाड़ी की जुबानी
- घायल (एकांकी)
- कसूर किसका (कहानी)
- डिलेवरी केस (एकांकी)
- निराली प्रतिभा : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
- वक्त की बात करे
- जनमानस की भावनाओं की संगीतमय अभिव्यक्ति : लोकगीत
बहुत खूब आप ने लिखा है
जवाब देंहटाएंइस पर आप को मैं एक अरबी भाषा की कहावत भेंट करना चाहता हूं
"मन जद्द वजदा व मन जरअ हसदा"
अर्थात जो कोशिश करेगा वह पाएगा जो बोएगा वही काटेगा
बहुत बेहतरीन रचना के लिए हार्दिक आभार आपका।
जवाब देंहटाएं