तीन राज्यों में कोरोना की कमान संभाल रहा एक परिवार
लक्ष्य आधारित शिक्षा से मिली सफलता द्वारा देश के तीन राज्यों में कोरोना की कमान संभाल रहा एक परिवार
खम ठोंक ठेलता है जब नर,
मानव जब जोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है।
कवि रामधारीसिंह दिनकर की रश्मिरथी में लिखी इन पंक्तियों के भावार्थ को कौन नहीं जानता है। इंसान जब लक्ष्य निर्धारित कर कठिन परिश्रम के सहारे आगे बढ़ता है तो सफलता उनके कदम चूमने लगती है। इतिहास गवाह है निरन्तर अभ्यास के पश्चात, निशाना साध कर छोड़ा गया तीर सीधा मछली की आंख को ही बींधता है।
कहने में यह बात जितनी आसान है हकीकत में उतनी ही मुश्किल है। इसके लिए बुलंद हौंसले व कड़ी मेहनत की जरूरत पड़ती है। मगर इंसान जब लक्ष्य निर्धारित कर परिश्रम की ज्वाला की भट्टी में स्वयं को झोंक देता है तो फिर उस कुंदन से जो चमक पैदा होती है उससे सिर्फ परिवार ही नहीं बल्कि समाज भी प्रकाशित हो उठता है।
इसलिए कहा गया है -
जो लाक्षा-गृह में जलते हैं,
वे ही शूरमा निकलते हैं।
इसी मिसाल को साकार किया है फालना के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में सहायक अभियंता व नियंत्रण कक्ष प्रभारी के पद पर कार्यरत सोमदत्त नेहरा जो साधारण किसान परिवार के सदस्य हैं।
श्री सोमदत्त नेहरा मूल रूप से नागोर जिले के लाडनूं तहसील के बालसमंद गांव के निवासी है। मगर उन्होंने अपने सेवाकाल के 30 वर्ष से अधिक का समय फालना, बेडा, सुमेरपुर क्षेत्र में गुजारा है। इसलिए वे इस गोडवाड़ क्षेत्र को अपना कर्म स्थली मानते हैं। उनका व उनके परिवार का गोडवाड़ की भूमि से गहरा नाता है।
श्री सोमदत्त नेहरा की तीन संताने पुत्री निधि चौधरी आईएएस-जिला कलक्टर-रायगढ़ (महाराष्ट्र), पुत्री विधि चौधरी आईपीएस पुलिस उपायुक्त-सूरत (गुजरात) व पुत्र प्रवीण चौधरी आईएएस जिला परिषद सीईओ-जूनागढ़ (गुजरात) के पद पर कार्यरत है। जिन्होंने सिद्ध कर दिया मेहनत कर हर मंजिल को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है, चाहे लक्ष्य कितना भी बड़ा क्यों नहीं हो। वर्तमान समय में उनका परिवार कोविड19 महामारी के समय देश के तीन राज्यों राजस्थान, महाराष्ट्र व गुजरात में भीषण महामारी को मात देने के लिए जुटा हुआ है। और राजस्थानी के इस दोहे के मर्म को सही सिद्ध करता नजर आ रहा हैं कि -
मायड़ जणै तो ऐडा जण, कै दाता कै सूर,
नीतर रइजे बांझणी, मत गवाजे नूर।।
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परिवार का कोरोना को लेकर क्या कहना है ?
सोमदत्त नेहरा (पिता)
पद : सहायक अभियंता, जन स्वास्थय अभियांत्रिकी विभाग, फालना
फालना के जलदाय विभाग में नियंत्रण प्रभारी अधिकारी के पद पर कार्यरत सहायक अभियंता सोमदत्त नेहरा का कहना हैं कि कोविड़19 से लडऩे के लिए सभी नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा। कोविड19 से बचाव ही इलाज है इसलिए हमें हर सामने वाले व्यक्ति को कोविड का मरीज समझकर सावधानी बरतनी होगी तभी हम कोविड़ से बचाव कर पाएंगे। सरकार की तरफ से जारी एडवाइजरी का हमें पूर्ण रूपेण पालन चाहिए। पुलिस व प्रशासन का सहयोग करना होगा व सावधानी हटी व दुर्घटना घटी के मूलमंत्र को समझना होगा। तभी हम सही मायनों में इस महामारी को मात दे पाएंगे।
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निधि चौधरी (पुत्री)
पद : जिला कलक्टर, रायगढ़ (महाराष्ट्र)
श्री सोमदत्त नेहरा की पुत्री निधि चौधरी महाराष्ट्र में रायगढ़ जिला कलक्टर के पद पर तैनात है। कोविड 19 को लेकर उनका कहना हैं कि देश में लॉकडाउन से पहले रायगढ़ में कोरोना की दस्तक के कारण 12 मार्च से ही कफ्र्यू लगाना पड़ा था। रायगढ़ जिला मुम्बई व पूना के मध्य स्थित है। ही कोविड ने यहां पर प्रारंभ में ही दस्तक दे दी थी। यहां पर मरीजों की संख्या 70 के करीब पहुंच गई थी मगर सावधानी के कारण 25 से अधिक मरीज ठीक होकर पुन: घर की तरफ लौट गए व तीन मरीजों की मृत्यु हो गई। यह जिला मुम्बई व पूना जैसे महानगरों के मध्य स्थित होने के कारण वहां से आने वाले मरीजों को रोक कर कोरोना से मुकाबला करना कठिनाई भरा साबित होता है। इसलिए स्थिति संवेदनशील हो जाती है।
साथ ही यह इलाका औद्योगिक क्षेत्र है। माइग्रेट को रोकना व उनकी देखभाल करना, सरकार की गाइडलाइन की पालना करना कठिनाई भरा साबित होता है। मगर फिर भी रिकवरी रेट अच्छा होना सबसे बड़ी राहत की बात है। उनका कहना हैं कि कोविड19 से डरने के बजाए सावधानियों पर ध्यान देना अधिक आवश्यक है। यह आसानी से जाने वाला नहीं है, इसके साथ बचाव के तरीकों को अपनाते हुए जीना सीखना पड़ेगा।
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विधि चौधरी (पुत्री)
पद : पुलिस उपायुक्त (डीआईजी), सूरत (गुजरात)
पुत्री विधि चौधरी गुजरात राज्य के सूरत में पुलिस उपायुक्त (डीआईजी) के पद पर कार्यरत है। उनके अनुसार आज की विषम परिस्थितियों में पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए जनता के बीच रहकर सप्ताह के सभी दिनों में लगातार 24 घंटे काम कर रही है। जिससे जनता राहत की सांस ले रही है। जनता को भी अपनी सुरक्षा के महत्व को समझकर पुलिस व प्रशासनिक ढांचे को सहयोग करने में पहल करनी चाहिए। पुलिस व प्रशासन की तरफ से सारी सुरक्षा की दीवार व व्यवस्थाएं जनता को कोविड१९ महामारी से बचाव के लिए ही लागू की जा रही है। उनका पालन करने से ही जनता सुरक्षित रह सकेगी।
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प्रवीण चौधरी (पुत्र)
पद : सीईओ, जिला परिषद, जूनागढ़ (गुजरात)
पुत्र प्रवीण चौधरी गुजरात के जूनागढ़ जिला परिषद में सीईओ के पद पर कार्यरत है। उनके क्षेत्र में कोरोना का कोई केस नहीं है। उनका जिला ग्रीन जॉन में है। वे आरोग्य विभाग में कार्य कर रहे हैं। जिसके माध्यम से आम जनता की सेहत का खयाल रखना सबसे बड़ी चुनौती हैं। उनके अनुसार कोरोना लम्बे समय तक रहने वाली नहीं है लेकिन इसको लेकर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना व बचाव की आदतों को अपनाना होगा। जन प्रतिनिधियों, कार्मिकों, सामाजिक संगठनों को संयुक्त रूप से बचाव का प्रयास करते रहने के साथ जीवन में स्थायी तौर पर काफी बदलाव लाना पड़ेगा। वर्तमान में पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद है, लेकिन जब भी चालू होगा, तब उसके बचाव के तरीकों को अपनाने की आदत डालनी पड़ेगी। इसके लिए हर व्यक्ति को मानसिक रूप से तैयार होना पड़ेगा। केन्द्र व राज्य सरकार के दिशा निर्देशों की पालना को महत्वपूर्ण मानना होगा। इसको हलके में नहीं लेकर, जीवन जीने के तरीके में बदलाव लाने होंगे तभी कोरोना से पूर्णत: कामयाबी मिल सकेगी।
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