इस्लाम धर्म की दुआ?
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इमान क्या है ?
आईए अब जानते हैं इमान किसे कहते हैं ? ''ला इलाहा इल्लल्लाह, मुहम्मदूर रसूलल्लाह '' इस कलमे को दिल से कबूल करना और उसकी मानी (भावार्थ) को समझकर उस पर यकीन करना कि ''अल्लाह तआला के सिवाए कोई इबादत के लायक नहीं व मोहम्मद रसूलल्लाह सल्लल्लाह तआला अलैह वसल्लम उसके सच्चे रसूल है।'' इस कलमा शरीफ में दो बाते जरूरी है। एक तो कलमा को जबान से कहना व दूसरा इसको दिल से कबूल करना। अगर इस कलमे में जर्रा बराबर भी शक पैदा हो जाए तो इमान खत्म हो जाता है।
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