कोरोना वायरस के क्या लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव ?
आदिम काल से प्रकृति का विकास प्रारंभ हुआ जो लगातार चलता हुआ, आज उस मुकाम पर पहुंच गया हैं, जहां से इंसान को हर कार्य आसान नजर आता है। इंसान मन में सोचता हैं और पलक झपकते ही कार्य पूर्ण हो जाता हैं। यानि हर कार्य के लिए साधन व सुविधाएं उपलब्ध है। इससे मनुष्य का कार्य आसान तो हुआ है साथ ही उसने इंसान को अपना आदी बना लिया है व पंगु कर दिया है। यानि कुछ समय के लिए लाईट चली जाए तो कई कार्य रूक जाते हैं, वह अपने आप को ठगा सा महसूस करने लगता है। मोबाइल की बैटरी डिस्चार्ज हो जाए और लाइट नहीं हो तो अपनी जिंदगी को रूका हुआ सा महसूस करता है। मोबाइल का नेट-पैक कुछ समय के लिए खत्म हो जाए तो ऐसा लगता है सब कुछ लुट गया। इस तरह इंसान अपने स्वार्थ व अपनेपन में इतना खोता जा रहा हैं कि वह प्रकृति को भूल सा गया है।
महामारी
जब प्रकृति को इग्नोर किया जाता है तो वह कई बार अपना विकराल रूप दिखा कर मनुष्य को याद दिलाती हैं कि चाहे कितने भी आविष्कार कर लो पर जब वह अपना रूप दिखाती है तब सभी दरकिनार हो जाते हैं। इस तरह कभी सुनामी के रूप में जलजला आता है तो कभी प्राकृतिक आपदा या भूकंप के रूप में।
इंसान कितनी भी तरक्की कर ले मगर प्रकृति को कभी चैलेंज नहीं कर सकता। यानि जिसका जन्म हुआ है उसका विनाश एक दिन निश्चित है। कहा भी गया है आया है सो जाएगा - राजा-रंक-फकीर। यह बात भी एकदम सही हैं कि जब इंसान को कहीं से भी रास्ता दिखाई नहीं देता तो वह ईश्वर को याद करता है। तभी कहा गया है - ऊपर वाला पासा फैंके नीचे चलते पांव, कभी धूप तो कभी छांव।
मुसीबतें आकर इंसान को चलना सिखाती है, इंसान के जज्बे को मजबूती प्रदान करती है। उसकी हिम्मत को बढ़ाती है। मगर जब कभी यही मुसीबत जब बड़े विकराल रूप में सामने आती है, या यों कहे मानव आबादी के लिए संकट बनकर आती है तो उसे जलजला या महामारी के रूप में जाना जाता है।
2019-20 कोरोनावायरस महामारी
जैसा कि दिसम्बर 2019 में चीन से सामने आई कोरोना वायरस महामारी कोविड19 है। यह और बात हैं कि इसके प्राकृतिक या कृत्रिम होने के कई कयास लगाए जा रहे हैं। कयास चाहे कुछ भी लगाए जाए मगर यह हैं तो एक ऐसी महामारी जिसने दुनिया की गति को ही रोक दिया है। दुनिया के निजाम (नियम) मेहनत कर मुकाम हासिल करो, काम करके कमाओ या कार्य करके तरक्की पाओ के स्थान पर नया नियम दिया है घर पर रहकर जान बचाओ। यानि जान बचाने के लिए घर पर रहना अनिवार्य हो गया है।
Corona Virus-क्या है ?
आजकल हर उस संसाधन से जिसके द्वारा मनुष्य को ज्ञान की प्राप्ति होती है। हर उस संसाधन में प्रमुखता से कोरोना महामारी के बारे में बताया जा रहा है। दिसम्बर 2019 में चीन के वहुान शहर से कोरोना यानि कोविड19 के नाम से महामारी शुरू हुई जो धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल चुकी है। चारों तरफ इस महामारी ने अपने पैर पसार लिए हैं, जिससे बचने का एक मात्र रास्ता बचाव ही इलाज है, क्योंकि यह मानव से मानव में फैलती है। इसलिए यह वर्तमान में सभी तरह से सुर्खियों में छाई हुई है।
कोरोना वायरस के ट्रीटमेंट के बारे में जानिए
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना वायरस का एक बहुत बड़ा परिवार हैं जो खांसी-जुकाम, सामान्य सर्दी से लेकर गंभीर बीमारियों बुखार व श्वास लेने में तकलीफ आदि से पहचाना जाता है। इसके लक्षण शुरूआत में कुछ समय तक प्रतीत नहीं होते हैं, कुछ समय पश्चात धीरे-धीरे इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसके लक्षणों का हल्का अनुभव होने पर समय रहते जांच करवाई जाने पर सही होने के अधिकतर चांस रहते हैं।
Coronavirus disease (COVID-19)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना वायरस जिसको कोरोना वायरस डिजिज दिसम्बर 2019 (कोविड19) कहा गया है। इसको पहली बार दिसंबर में चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में पहचाना गया था। यह पहली बार चीन में उभरा, और अब इसे कम से कम 157 देशों में पहचाना गया है। शोधकर्ताओं को संदेह है कि वायरस एक चमगादड़ में उत्पन्न होकर फैला या इसके बारे में ऐसी भी भ्रांति हैं कि यह चीन की लेबोरट्री से लीक होकर फैला है।
Corona Virus-क्या है कोरोना वायरस, इसके लक्षण और उपाय जाने
इसके वाररस के आक्रमण के बाद पीड़ित व्यक्ति को श्वसन संबंधी समस्याएं, बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई होती हैं। अधिक गंभीर मामलों में, संक्रमण निमोनिया, गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम, किडनी की विफलता का कारण बन सकता है, और यहां तक की घातक होकर मौत का कारण भी बन जाता है।
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Corona-Virus |
कोरोना वायरस के कहर से कैसे करें खुद का बचाव ?
इस वायरस से बचाव के लिए निम्न तरिकों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए -
- अपने हाथों को नियमित रूप से थोड़े-थोड़े समय के अंतराल से साबुन से धोते रहना चाहिए।
- छींक आने पर अपना मुंह और नाक ढंकना।
- खांसते वक्त टीशू पेपर या रूमाल का प्रयोग करना।
- अपने हाथ से चेहरे को न छुए।
- सब्जियों को अच्छी तरह से गर्म पानी से धोकर काम में लेना।
- बाहर से खरीदे गए सामान को 24 घण्टो तक खुले में रखकर उसको छूने से बचना।
- गर्म पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना।
- समय-समय पर अपने घरे के दरवाजों, हाथों व उपयोग में आने वाले स्थानों को को सेनेटराइज करना।
- बिना वजह घर से बाहर नहीं निकलना।
- घर से बाहर निकलते समय अपने मुंह पर हमेशा मास्क का उपयोग करना।
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Stay-Home-Stay-Safe |
कोरोना वायरस के लिए अपनाई गई सावधानियां
- सरकार की तरफ से इस महामारी का पता चलते ही सम्पूर्ण देश में लाॅकडाउन किया गया व सभी राज्यों की सीमाओं को सील किया गया। जिससे वायरस एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं फैल सके।
- सभी रेलगाड़ियों, हवाई सेवाओं, बसों आदि को बंद किया गया।
- गरीब, श्रमिक, मजदूरों व आवश्यकता वाले व्यक्तियों के लिए विभिन्न प्रकार से राहत राशि व सामग्री की व्यवस्था केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा की जा रही है।
- भामाशाहों के सहयोग से स्थानीय लोगों को खाद्य सामग्री व राहत सामग्री वितरित करवाई जा रही है।
- आवश्यकता के अनुसार क्वारंटाइन सेन्टर स्थापित किए गए हैं, जिससे वायरस की चपेट में आए व्यक्तियों को वहां ले जाकर उनको पूर्णतया चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान की जा सके।
- स्वास्थ्य अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, सफाई कर्मचारियों की टीम बनाकर पूर्णतया सभी तरह से जांच, कानून व्यवस्था व सफाई व्यवस्था को मजबूत किया गया।
- एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वालों की तुरन्त जांच कर 14 दिन के लिए होम आइसोलेट या क्वारंटीन सेन्टर पर चिकित्सकों की देखरेख में रखा जा रहा है।
- स्कूलोें, महाविद्यालयों, शिक्षा केन्द्रों को आगामी आदेश तक बंद कर दिया गया है व शिक्षा के लिए ऑनलाइन प्रणाली पर फिलहाल अध्ययन किया जा रहा है।
- बोर्ड कक्षाओं 10वीं व 12वीं के अलावा सभी स्कूली विद्यार्थियों को अगली कक्षा में क्रमोन्नत किया गया है।
- सभी प्रकार की यात्राओं को प्रतिबंधित किया गया है। विशेष परिस्थिति में उच्च अधिकारियों से अनुमति लेकर जाया जा सकता है।
- महामारी की गंभीरता के अनुसार राज्यों के जिलों को तीन जोन में बांटा गया है। गंभीर समस्या वाले स्थानों को होट स्पाॅट को रेड जोन में, जहां पर पिछले 21 दिनों से एक भी कोरोना मरीज नहीं मिला उन जिलांे को ओरेंज जोन व जिन जिलों में एक भी मरीज नहीं मिला है उसे ग्रीन जोन में बांटा गया है। गंभीरता व स्थिति को देखते हुए सुविधाओं, व्यवस्थाओं व कानून व्यवस्था की जा रही है।
कोरोना वायरस की कोई दवा नहीं
हालांकि कोविड-19 के लिए कोई वैक्सीन अभी तक मौजूद नहीं है, संयुक्त राज्य अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की रिपोर्ट है कि वैज्ञानिक इस कार्य हेतु शोध में जुटे हुए हैं व जल्द ही इसकी रोकथाम के लिए कोई न कोई टीका विकसित किया जाएगा।
कोरोना वायरस के ट्रीटमेंट के बारे में जानिए
- यह महामारी एक दूसरे के सम्पर्क में आने से फैलती है। अतः एक दूसरे से तीन से छः फीट की दूरी पर रहकर बातचीत की जाए।
- हाथ मिलाने या गले मिलने के स्थान पर दूर से ही हाथ जोड़कर या हिलाकर सत्कार किया जाए।
- खाने के लिए बाहर जाने से बचा जाए।
- जिम जाने के बजाए घर पर ही रहकर कसरत की जाए।
- जब तक संभव हो लोगों के सम्पर्क में आने से बचे।
- मोबाइल, फेसटाइम, स्काइपे और व्हाट्सएप जैसी सेवाओं का उपयोग करके अपने दोस्तों के साथ फोन पर बातचीत करना।
- आउटडोर गेम की बजाए इनडोर गेम का प्रयोग किया जाए।
कोरोना लॉकडाउन: स्कूलों में ऑनलाइन क्लास से कितना होगा बच्चों को फायदा ?
कोविड-19 के प्रकोप के कारण स्कूल, काॅलेज व विश्वविद्यालयों को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गयाहै। इसके समाधान के तहत ऑनलाइन अध्ययन प्रक्रिया को अपनाया गया है या इस पर विचार विमर्श किया जा रहा है। कोचिंग संस्थानों ने अपने एजुेकेशन एप बनाकर या यू ट्यूब के माध्यम से ऑनलाइन विडियो रिकार्ड कर विद्यार्थियों तक भिजवाने की व्यवस्था भी की जा रही है। लेकिन यह कहां तक कामयाब हो पाएगी इसका जवाब भविष्य में ही पता चलेगा - क्योंकि हमारे देश में बहुत से ऐसे परिवार हैं जिनके पास एण्ड्राॅयड मोबाइल भी नहीं है और न ही इन्टरनेट व्यवस्था।
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Online-Classes |
कौन कहता हैं आसमां में सुराख नहीं होता
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों।
मुसीबतें आती है और आकर चली जाती है। उसी प्रकार यह महामारी भी सरकार, कोरोना वाॅरियर्स व नागरिकों की जागरूकता व सहयोग से जल्द ही चली जाएगी और इसका नाम भी इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए काली स्याही से लिखा जाएगा। जिसे कोई याद रखना नहीं चाहेगा मगर भूल भी नहीं पाएगा। इस महामारी का सामना करने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर जारी एडवाइजरी का हमें पालन करते रहना है और इससे सम्बंधित सावधानियों को अपनाना है। आखिर जीत इंसानियत की ही होनी है, लेकिन उसके लिए हौंसला बनाए रखना है, उम्मीद जगाए रखनी है। यानि -
हौंसले के तरकश में
कोशिश का वो तीर जिंदा रख
हार जा चाहे जिंदगी में सब कुछ
जीतने की फिर भी उम्मीद जिंदा रख।
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अति सुंदर लेख मैंने पढ़ा क्विड 19 के बारे में काफी जानकारियां है इसमें लिखने की शैली भी अच्छी है आपकी मुझे बहुत पसंद आया
जवाब देंहटाएंAapka Bahut Bahut Shukriya
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