लॉकडाउन में ईद की नमाज घर से ही होगी अदा
इस समय पूरी दुनिया में कोविड19 कोरोना महामारी चल रही है। हमारा देश भारत भी इस समय उस महामारी से लड़ रहा है। ऐसे में पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है। इस महामारी के कारण सरकारी एडवाइजरी व धारा 144 के चलते रमजान माह के तमाम जुमे की नमाज भी घर से ही अदा की गई है साथ ही जुमातुलविदा (अलविदा का जुमा) की नमाज भी घर से ही अदा की गई है। इसी के तहत तहत ईदुल-फित्र की नमाज भी घर से अदा की जाएगी।
रमजान के जुमे के दिन मस्जिद को छोडऩा कौन चाहता था ? मगर मजबूरी में हमने घर से उसकी एवज में जोहर की नमाज अदा की है, उसी तरह हमें ऐसे हालात में जो शरीयत का हुक्म हैं उसी के मुताबिक नमाज अदा करनी है मगर दिल में नियत यह रखनी हैं कि रब्बुल आलमीन हमें ईद की नमाज का सवाब अता फरमाएं। वैसे भी रब्बुल आलमीन सभी के दिलों के हाल को जानने वाला है, वो हमारी नमाज को नियत के अनुसार ही कबूल करेगा।
लॉकडाउन में ऐसे होगी ईद की नमाज अदा
- हम हर साल ईद की नमाज ईदगाह में अदा करते हैं मगर लॉकडाउन होने के कारण सरकारी एडवाइजरी के तहत ईद की नमाज अदा करने मस्जिद या ईदगाह नहीं जा सकते क्योंकि सरकारी एडवाइजरी के अनुसार 4-5 लोग ही नमाज अदा कर सकते हैं।
- इस लिहाज से ईदुल-फित्र की नमाज परमीशन के अनुसार मस्जिद या ईदगाह में जब 4-5 लोगों के साथ अदा हो जाए उसके बाद हम अपनी नमाज अपने-अपने घर से इस तरह अदा कर सकेंगे।
ऐसे माहौल के लिए शरीयत का हुक्म
- दुर्रे मुख्तार और बहारे शरीयत में हैं कि ईद की नमाज के बाद चार रकआत नफिल नमाज घर में पढऩा मुस्तहब है। इसलिए ईद की नमाज के बाद चार रकआत हम लोग अपने घर में ही अहले परिवार के साथ जरूर पढ़ ले। घर में कोई इमामत करवाने लायक हो तो जमाअत कर ले। वरना तन्हा-तन्हा (अकेले-अकेले) पढऩा शरीयत में ज्यादा महबूब (बेहतर) है।
''नियत की मैंने चार रकआत नमाज नफिल की अल्लाह के लिए''
- शरीयत के अनुसार दो रकआत नफिल नमाज भी अदा कर सकते हैं। इसमें भी कोई हर्ज नहीं है मगर चार रकआत का सवाब ज्यादा है, इसलिए चार रकआत अदा करनी चाहिए।
''नियत की मैंने दो रकआत नमाज नफिल की अल्लाह के लिए''
इमान ताजा करने के लिए इनको भी पढ़िए . . . . . .
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इस बात पर भी ध्यान देवें -
- चार रकआत या दो रकआत नफिल नमाज जो भी अदा करे उस नमाज की सलाम फेरने के बाद 34 बार अल्लाहू अकबर अल्लाहू अकबर ला इलाहा इल्लल्लाहो वल्लाहू अकबर अल्लाहू अकबर व लिल्ला हिल हम्द पढ़े।
- क्योंकि एक तो इस तकबीर को पढऩे की हदीसे नबवी में फजीलत आई है। दूसरा ईद की नमाज में भी हर रकआत में तीन बार इस तकबीर को पढऩे का हुक्म है। इस तकबीर में अल्लाह की बड़ाई का बयान है इसलिए अपने घर से इस बड़ाई का इजहार इस तरह कीजिए।
इस पर भी गौर फरमाएं
- इस नमाज में छ: जायद तकबीरें ना कहें।
- सलाम के बाद 34 बार अल्लाहू अकबर अल्लाहू अकबर ला इलाहा इल्लल्लाहो वल्लाहू अकबर अल्लाहू अकबर व लिल्ला हिल हम्द वाली तकबीर जरूर पढ़े।
- इस नमाज के बाद खुत्बा नहीं है।
- ईद बहुत ही सादे तरीके से मनाएं।
- नए कपड़ों की जगह धुले हुए व साफ कपड़ों को ही ज्यादा महत्व दें।
- अपने पड़ोसियों व जरूरतमंदों की हो सके तो मदद करें।
- भीड़-भाड़ इकठ्ठा करने से बचे।
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लॉक डॉउन मे ऐसी होगी ईद की नमाज,शीर्षक मे लिखित विषय वस्तु की जानकारी आपके द्वारा सरल व अच्छे ढ़ंग से समझाया गया व्यक्तिश: पढा शानदार लगा आप छोटी पॉकेट साईज बुक मे संग्रहीत कर इसे छपवाए अधिक को फायदा होगा ।सुबानअल्लाह।अल्लाह कामयाबी अता फरमाए।आमीन।
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