:::: डिलेवरी केस ::::
(एक घर मे सामने 50 औरते लाइन मे खड़ी है। घर के बाहर दरवाजे के एक तरफ नेम प्लेट है। जिस पर लिखा है लेड़ी डॉ गुप्ता। घर के अन्दर डॉ गुप्ता कमरे मे एक कुर्सी पर बैठी है और सामने एक औरत बैठी है।)
डॉ गुप्ता : हां तो तुम प्रति दिन यह गोलियां 2 बार लेना और यह एक बार, ठीक है। 10 दिन बाद फिर चैकअप करवा लेना। (औरत पर्स से 100 रू निकालती है। डॉ गुप्ता को देती है। (डॉ गुप्ता घंटी बजाती है)
राधा बाई : हां मेमसाहब क्या चाहिए था ?
डॉ गुप्ता फिर पेसेन्टो को देखने लगती है। आधे घण्टे बाद फोन की घण्टी बजती है। डॉ गुप्ता फोन उठाती है। हैलो डॉ गुप्ता स्पीकिंग हियर...हां बोलो नर्स.....क्या एक डिलेवरी केस है.....एमरजेंसी है......हां तुम ऐसा करो उसे एडमिट कर लो....ठीक है मै कल सुबह आकर देख लूंगी। (फोन रख देती है) डॉ गुप्ता फिर पेसेन्टो को देखने लगती है। (एक घण्टे बाद एक ग्रामीण व नर्स भागते हुए आते है डॉ गुप्ता के क्लीनिक रूम मे प्रवेश करते है।)
नर्स : डॉक्टर, डॉक्टर एक अभी एमरजेंसी डिलेवरी केस आया है। उसका ऑपरेशन जरूरी है।
डॉ गुप्ता : ठीक है जब तक मै तैयार होकर आती हूं तुम लोग डिलीवरी केस को हैंडल करने की कोशिश करो (नर्स और ग्रामीण हॉस्पीटल चले जाते है 2 घण्टे बाद डॉ गुप्ता के क्लीनिक के सामने की भीड़ समाप्त हो जाती है।
तभी फोन की घण्टी आती है।) हैलो....डॉ गुप्ता स्पीकींग.....हॉ बोलो महेश......(आश्चर्य से) क्या दोनो की डिलेवरी केस मे डैथ हो गई।.....ओह नो मै अभी आ ही रही थी।.....इट इज वेरी बेड न्यूज व्हॉट आई डूं। भगवान की जो इच्छा होती है उसे कोई नही टाल सकता......हां....ओ के बाय।
डॉ गुप्ता : राधा बाई यहां से सब साफ सफाई कर लो। और मेरा खाना लगा दो। आज मै बहुत थक गई हूं। आज बहुत डिलेवरी पैसेंट आये थे। (डॉ गुप्ता टेबल के ड्रा को देखती है। टेबल का पूरा ड्रा रूपयों से भरा हुआ था।
डॉ गुप्ता मुस्कुराते हुए अपने आप से कहती है।) ये तो होना ही था। डिलेवरी केस जो है।....
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